नहीं मिल पाएगा सबसे सस्ता टैबलेट


अर्चना अग्रवाल - भारतीय छात्रों के हाथों में दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट ‘आकाश' देने का वादा अब शायद ही पूरा हो पाएगा. सरकार आकाश को जमीन पर उतार पाती इससे इससे पहले ही इस योजना ने दम तोड़ दिया है.
इस बीच डाटाविंड कंपनी ने कहा है कि 17, 100 आकाश टैबलेट आईआईटी बंबई को भेजे जा चुके हैं. 29,400 आकाश टैबलेट तैयार हैं और कुछ ही दिनों में उन्‍हें आईआईटी-बंबई भेज दिया जाएगा.
मानव संसाधन मंत्रालय अब आकाश योजना को बंद करने पर विचार कर रहा है. दरअसल सरकार ने टैबलेट की क्वालिटी को लेकर सवाल खड़ा करते हुए इसे बंद करने का फैसला किया है.
मानव संसाधन मंत्रालय ने आईआईटी बंबई को भेजा पत्र
मानव संसाधन मंत्रालय ने इस मामले में धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए आईआईटी बंबई को पत्र भेजा है. आईआईटी बंबई इसकी क्रियान्‍वयन संस्था है.
डेटाविंड कंपनी पर हो सकती है कार्यवाई
पत्र में उससे कहा गया है कि वह सुनिश्चित करे कि कंपनी (डेटाविंड) सभी नियम तथा शर्तों को पूरा करे तथा आपूर्ति आदेश को अनुबंध की समुचित भावनाओं के साथ 31 मार्च तक पूरा करे.
'आकाश' के निर्माण के लिए पर्याप्त ढांचा मौजूद
मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि बाजार में तमाम सस्ते टैबलेट मौजूद हैं और छात्र उनमें से कोई भी चुन सकते हैं. आकाश के निर्माण के लिए देश में पर्याप्त ढांचा मौजूद नहीं है.
कुछ महीने पहले ही मानव संसाधन मंत्री ने आकाश-2 टैबलेट को राष्ट्रपति के हाथों लोकार्पण कराते हुए कहा था कि वे जल्द ही 50 लाख आकाश टैबलेट खरीदने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.
राजू ने कहा कि शिक्षा में इंफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए गैजेट कोई मुद्दा नहीं है. आकाश की सफलता के बाद देश में टैबलेट के दामों में भारी कमी आ गई है. उन्होंने कहा कि टैबलेट के निर्माण के लिए देश में ढांचागत सुविधा उपलब्ध नहीं है.
'आकाश' के लिए मंत्रालय को मिले 700 करोड़
सरकार की ओर से साल 2012-13 में आकाश टैबलेट खरीदने के लिए मंत्रालय को 700 करोड़ रुपए मिले थे, जिसका अब तक इस्तेमाल नहीं हो पाया है. इसके इस्तेमाल तथा प्रस्तावित 50 लाख टैबलेट खरीदने की योजना पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बारे में जब मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश में इतनी बड़ी संख्या में आकाश टैबलेट बनाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
छात्रों को टैबलेट सस्ते दामों पर टैबलेट उपलब्ध कराएं जाने की सरकार की योजना का भविष्य तय करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.